`तीन से लेकर दस लाख तक....`  राजस्थान में सरकारी नौकरियों के लिए फिक्स होते थे रेट, SOG ने यूं किया भंडाफोड़

दस लाख रूपए लेकर दी गई नौकरी  एसओजी की अब तक की जांच में सामने आया कि इन आधा दर्जन मास्टरमाइंड ने तीन हजार से अधिक लोगों को नौकरियां दिलवाई।

इनमें इनके अपने स्वजन एवं परिचित भी शामिल हैं।

जिन परिचितों को नौकरी दिलवाई उनमें से प्रत्येक से तीन से दस लाख रूपए तक वसूले।

एसओजी के अतिरिक्त महानिदेश वी.के. सिंह ने का कहना है कि अभी जांच जारी है।

कई बड़े मामलों का पर्दाफाश होगा। इन क्षेत्रों में मास्टरमाइंड ने दिलवाई  नौकरी  शिक्षक भर्ती, पुलिस कॉंस्टेबल, वनपाल, तकनीकी सहायक, कृषि पर्यवेक्षक, पटवारी, नर्सिंग कर्मी सहित दस से अधिक भर्ती परीक्षाओं में जिन आधा दर्जन मास्टरमाइंड ने तीन हजार से अधिक लोगों को नौकरी दिलवाई, उनमें जगदीश ज्याणी, श्रवण बाबल, पंकज चौधरी, हर्षवर्धन मीणा, राजेंद्र यादव और हनुमान शामिल हैं। इनमें से एक श्रवण ने दस साल पहले पेपर लीक गिरोह बनाया और अपने 60 स्वजन व परिचितों को फजीवाड़े से नौकरी दिलवाई। आरोपियों ने अपने रिश्तेदारों को भी दिलवाई नौकरी  रिकॉर्ड के अनुसार श्रवण करीब 25 करोड़ की संपति का मालिक है।

पंकज ने 250 से अधिक लोगों को नौकरी दिलवाई है।

वन विभाग में वनपाल पद पर कार्यरत पंकज ने अपनी पत्नी, साले, चाचा के बेटे व बुआ के दो बेटों सहित 250 लोगों को पेपर लीक करवाकर डमी कैंडिडेट परीक्षा में बिठाकर नौकरी दिलवाई है। हर्षवर्धन ने 35 परिचितों को पटवारी बनवा दिया।

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